baglamukhi shabar mantra - An Overview
ॠहà¥à¤²à¥€à¤‚ बगलामà¥à¤–ि सरà¥à¤µà¤¦à¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤¨à¤¾à¤‚ वाचं मà¥à¤–ं पदं सà¥à¤¤à¤®à¥à¤à¤¯ जिवà¥à¤¹à¤¾à¤‚ कीलय बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤‚ विनाशय हà¥à¤²à¥€à¤‚ ॠसà¥à¤µà¤¾à¤¹à¤¾à¥¥à¤‡à¤¸ परिशिषà¥à¤Ÿ में जिन मनà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ का उलà¥à¤²à¥‡à¤– किया जा रहा है, वे लोक- परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ से समà¥à¤¬à¤¦à¥à¤§ à¤à¤—वती-उपासकों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤¨à¤ƒ-पà¥à¤¨à¤ƒ सराहे गठहैं। इन मनà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ का पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ असंदिगà¥à¤§ है, जबकि इनके साधन में औपचारिकताà¤à¤‚ नाम मातà¥à¤° की हैं। यदि à¤à¤—वती बगलामà¥à¤¬à¤¾ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ पूरà¥à¤£ आसà¥à¤¥à¤¾ à¤à¤µà¤‚ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾-à¤à¤¾à¤µ रखते हà¥à¤ इन मनà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ की साधना की जाà¤, तो कोई कारण नहीं है कि साधक को उसके अà¤à¥€à¤·à¥à¤Ÿ की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ न हो।
à¤à¤¾à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥:-जिन शिव-पारà¥à¤µà¤¤à¥€ ने कलियà¥à¤— को देखकर जगत के हित के लिठशाबर मनà¥à¤¤à¥à¤° समूह की रचना की; जिन मंतà¥à¤°à¥‹à¤‚ के अकà¥à¤·à¤° बेमेल हैं, जिनका न कोई ठीक अरà¥à¤¥ होता है और न जप ही होता है, तथापि शà¥à¤°à¥€ शिवजी के पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª से जिनका पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤· है॥ सहज और सरल à¤à¤¾à¤·à¤¾ में रचित ये मतà¥à¤°à¤‚ अतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• विशेष पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ शाली है। ततà¥à¤°à¤‚ विघा को जानने वाले शाबर मंतà¥à¤°à¥‹à¤‚ का विशेष महतà¥à¤µ जानते हैं अतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ शाली माठपितामà¥à¤¬à¤°à¤¾ बगलामà¥à¤–ी के यह मतà¥à¤°à¤‚ अपने आप में चमतà¥à¤•à¥ƒà¤¤ है। यदि किसी वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ विशेष के कारण शतà¥à¤°à¥ पग-पग पर कषà¥à¤Ÿ देते है उस पर हावी होते है, तथा हर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से नीचा दिखाने की चेषà¥à¤Ÿà¤¾ करते हों, या षडà¥à¤¯à¤‚तà¥à¤° करके पà¥à¤²à¤¿à¤¸ कोरà¥à¤Ÿ कचहरी में फसा देते है तब उसे बगलामà¥à¤–ी दिकà¥à¤·à¤¾ उपरांत शाबर मंतà¥à¤° की साधना करनी चाहिà¤à¥¤ यदि किसी के शतà¥à¤°à¥ असà¥à¤¤à¥à¤° आदि लेकर सामने आते हों और उसके सामने पà¥à¤°à¤¾à¤£ का संकट खड़ा हो जाता हो तथा कोई उसकी जीविका को वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° को ततà¥à¤°à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ नषà¥à¤Ÿ बंधन पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— कर रहा है तब शतà¥à¤°à¥à¤“ं को उनके बाल पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ नषà¥à¤Ÿ करना चाहिठ,जब कोई असाहय हो या सब तरफ से शतà¥à¤°à¥à¤“ं में घिर जाठऔर उसे बचने का कोई उपाय न सूà¤à¥‡, तो à¤à¤¸à¥€ à¤à¤¯à¤‚कर विपतà¥à¤¤à¤¿ में ही बगलामà¥à¤–ी साधना करनी चाहिठकà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि।
The most beneficial time to chant the baglamukhi mantras is early early morning. Take tub and sit on the mat or wooden plank. Carry a rosary and use it for counting the mantra chanting.
ॠहà¥à¤²à¥€à¤‚ बगलामà¥à¤–ि सरà¥à¤µà¤¦à¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤¨à¤¾à¤‚ वाचं मà¥à¤–ं पदं सà¥à¤¤à¤®à¥à¤à¤¯ जिहà¥à¤µà¤¾à¤‚ कीलय बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤‚ विनाशय हà¥à¤°à¥€à¤‚ ॠसà¥à¤µà¤¾à¤¹à¤¾
अरà¥à¤¥ - हे देवी, सà¤à¥€ नकारातà¥à¤®à¤• लोगों के कदमों को रोक दें, उनकी जà¥à¤¬à¤¾à¤¨ पर अंकà¥à¤¶ लगाà¤à¤‚, उनकी जिहà¥à¤µà¤¾ पर लगाम लगा दो और उनके मसà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤• का दम घोंट दो।
यदि आप माठबगलामà¥à¤–ी साधना के बारे में अधिक जानना चाहते हैं तो नीचे दिये गठलेख पà¥à¥‡à¤‚ –
Benefits: This mantra has plenty of baglamukhi mantra Positive aspects. Baglamukhi Mantra is often a Exclusive mantra for successful intricate court instances and overcoming problems. It can help stop the things to do of their enemies from satisfying their evil intentions.
अपने पà¥à¤°à¤¬à¤‚धकों, वरिषà¥à¤ ों और सहकरà¥à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के साथ à¤à¤•à¥à¤¤ के कामकाजी संबंधों को मजबूत करता है।
इन दो बगला-शाबर मनà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ के अतिरिकà¥à¤¤ à¤à¥€ à¤à¤• अनà¥à¤¯ शाबर मंतà¥à¤° गà¥à¤°à¥-पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ सà¥à¤µà¤°à¥‚प हमें पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤† था, जिसका उलà¥à¤²à¥‡à¤– मैं यहाठकर रहा हूं। इस मनà¥à¤¤à¥à¤° का विधान यह है कि सरà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¥à¤® à¤à¤—वती का पूजन करके इस मनà¥à¤¤à¥à¤° का दस हजार की संखà¥à¤¯à¤¾ में जप करने हेतॠसंकलà¥à¤ªà¤¿à¤¤ होना चाहिà¤à¥¤ तदोपरानà¥à¤¤ à¤à¤• निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ अवधि में जप पूरà¥à¤£ करके à¤à¤• हजार की संखà¥à¤¯à¤¾ में इसका हवन ‘मालकांगनी’ से करना चाहिà¤à¥¤ तदोपरानà¥à¤¤ तरà¥à¤ªà¤£, मारà¥à¤œà¤¨ व here बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ à¤à¥‹à¤œà¤¨ कराना चाहिà¤à¥¤ तरà¥à¤ªà¤£ गà¥à¥œà¥‹à¤¦à¤• से करें। इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° इस मनà¥à¤¤à¥à¤° का अनà¥à¤·à¥à¤ ान पूरà¥à¤£ होता है। फिर नितà¥à¤¯-पà¥à¤°à¤¤à¤¿ à¤à¤• माला इस मनà¥à¤¤à¥à¤° की जपते रहना चाहिà¤à¥¤ इस मनà¥à¤¤à¥à¤° का पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ à¤à¥€ अचूक है अतः निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ रूप से साधक के पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• अà¤à¥€à¤·à¥à¤Ÿ की पूरà¥à¤¤à¤¿ होती है। मनà¥à¤¤à¥à¤° इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° है
जीवन से सà¤à¥€ कषà¥à¤Ÿà¥‹à¤‚ को दूर करता है और à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ के दिलों और आतà¥à¤®à¤¾à¤“ं में विशà¥à¤µà¤¾à¤¸, साहस और दृढ़ संकलà¥à¤ª को निशà¥à¤šà¤¯ कर, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ समृदà¥à¤§à¤¿ की मारà¥à¤— की ओर ले जाता है।
यदि आपको इन मनà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ का पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ देखना है तो निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤¾à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° इनका साधन कर अà¤à¥€à¤·à¥à¤Ÿ की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ करें। ये मनà¥à¤¤à¥à¤° किस पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤• गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ में हैं, यह कà¥à¤› सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ नहीं है। पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ केवल यही है कि ये गà¥à¤°à¥à¤®à¥à¤– से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हैं। शेष जब आप इनकी साधना करेंगे तो पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होने वाला परिणाम ही इनकी पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ का साकà¥à¤·à¥€ होगा।
देवी बगलामà¥à¤–ी को समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ करने के लिठपीले फूल सही फूल हैं।
‘‘जय जय बगला महारानी, अगम निगम की तà¥à¤®à¥à¤¹à¥€à¤‚ बखानी, संकट में घिरा दास तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‹,